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"साइबर धोखाधड़ी: एक कहानी"

 यह एक बहुत ही चिंताजनक और धोखाधड़ी की घटना है। इस तरह के साइबर ठगी के मामलों में लोगों को सतर्क रहना चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, एक साइबर धोखाधड़ी की घटना क्षेत्र में एक परिवार के साथ हुई। उन्होंने 2 अप्रैल से 3 अप्रैल के बीच साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने की रिपोर्ट की। 1 अप्रैल को, उन्हें उनके फोन पर एक कूरियर कंपनी से एक कॉल मिला जिसमें कहा गया कि 27 मार्च को ताइवान के लिए एक पार्सल उनके नाम पर बुक किया गया था। मुंबई कस्टम्स ने पार्सल को कब्जे में ले लिया था, जिसमें पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड, एमडीएमए, एक लैपटॉप, और कपड़े शामिल थे। बाद में, एक व्यक्ति ने मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी से बात की। पीड़ित के अनुसार, उन्हें बताया गया कि उनके आधार नंबर का उपयोग करके मुंबई में उनके नाम पर बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे पैसे का प्रक्रियाशीलण किया जा रहा था। उन्हें सीबीआई, ईडी, और एनसीबी के रेडार में रखा गया था, और उन्हें स्काइप पर आने के लिए कहा गया था। कथित अधिकारी ने इस मामले में जांच के पूरे होने तक इसे गोपनीय रखने की चेतावनी दी, और यदि किसी को इसके बारे में बताया, तो वह निर्दोष भी हो सकता है। पीड़ित ने 15 लाख 12 हजार रुपये को अन्य खातों में जमा करवा लिया। बाद में, उन्होंने और 15 लाख रुपये जमा करवाए। 4 अप्रैल को, उन्हें अभियान पूरा हो गया है और उनका खाता साफ है। हालांकि, जब शाम को बाकी राशि वापस नहीं आई, तो उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ।

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